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Kavita Yadav

Inspirational

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Kavita Yadav

Inspirational

नारी....

नारी....

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बने जिस देश की नारी गुणकारी,

मैं ऐसी खुद्दारी लिखती हूँ।

नरक में ले जाती है,

ऐसे देश को दिशा।

जँहा नारियों को समझा जाता है

बोझ न कि जिम्मेदारी

मैं ऐसी कहानी लिखती हूँ।

जो नर के साथ जरा-सा ,

 कंधा मिलाकर चल ले

तो समझा जाता अहंकारी।

न ध्वस्त हो नारी का सम्मान,

ऐसी उसकी लाचारी लिखती हूँ।

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जहाँ समझा जाता उसे सिर्फ बेचारी,

मैं ऐसी नारी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी लिखती हूँ।

कामकाजी होने पर भी जिसे न,

दी जाती उसकी हकदारी

मैं अपनी माँ जैसी लाखों माँ ओ

की लाचारी लिखती हूँ।

संघर्ष में जो डटी रही ,

कभी माँ तो कभी अलग रिश्तों में जो जुड़ी रही

मैं ऐसे ही नारी हूँ,

जो सबकी तरह अपनी कहानी

लिखती हूँ।।


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