नारी तू सुंदर उपहार
नारी तू सुंदर उपहार
नारी.... तुझसे जीवन है... तू ही जीने का आधार
सृष्टि का सुंदर उपहार, तुझसे सारा संसार
तू शक्ति तू भक्ति तू दायिनी ममता की जलधार
तू अटल दृढ़ धैर्य का पर्याय तू शिला सख्त कठोर
सर से पांव श्रंगार नर्म तू उज्जवल ज्वाला की ज्योत
हर नारी की तू अभिलाषा तू प्रेरणा का अनंत भंडार
तू विजय हर संग्राम की हर बाधा पर तेरी जय अपार
स्वयं में परिपूर्ण तू तुझे ना किसी सहारे की दरकार
नारी.... तुझसे जीवन है... तू ही जीने का आधार
सृष्टि का सुंदर उपहार, तुझसे सारा संसार
कलम हो या तलवार तेरी तूने हुनर दिखाया है
सतरंगी पंखों की उड़ान से रंगीन गगन बनाया है
कश्ती की पतवार बनके विशाल सागर पार किया
जटिल इरादों से तूने तूफ़ान से लड़ना सिख लिया
अब बस बढ़ आगे ना लगाम ना कोई बंदिश है
हृदय विशाल से सहयोगी ना किसी से रंजिश है
नारी.... तुझसे जीवन है... तू ही जीने का आधार
सृष्टि का सुंदर उपहार, तुझसे सारा संसार।
