"नारी की पुकार"
"नारी की पुकार"
मन में विश्वास है
हे नारी तू महान है
मां, बहन, बेटी,
पत्नी के रूप में हो तुम सजती ।
तो देवी बन मां सरस्वती ,लक्ष्मी ,
दुर्गा और काली के रूप में ,
सर्वत्र पूजी जाती ।
हे नारी तू महान है....
बेटी बन मां-बाप का मान रखती,
तो बहु बन सास - ससुर का सम्मान करती ।
मां बन बच्चों को शिक्षा देती ,
तो पत्नी बन सुख - दुःख की सहभागीनी बनती ।
हे नारी तू महान है..
घर का कर्तव्य निभा कर भी,
तुम चुप हो रहती।
तो बच्चों की किलकारी से,
तुम हरपल खुश रहती ।
घर -परिवार की डांट ,
भी तू हंस कर सह लेती।
तो अपने परिवार की खुशी के लिए
अपने सारे सपनों को कुर्बान करती।
तूफानों से टकराकर ,
सबपे हो तुम प्यार लुटाती।
हे नारी इसलिए तू महान कहलाती।