नारी कभी रिटायर नहीं होती.....
नारी कभी रिटायर नहीं होती.....
मैं नारी हूं और नारी कभी रिटायर नहीं होती
पीहर में मां ने काम सिखाया
दूसरे घर जाना दूसरे घर जाना
कह के खूब काम कराया
सब से जल्दी जग के सबसे देर से सोती
परिवार के सभी मनको को एक साथ पिरोती
नारी कभी रिटायर नहीं होती
फिर शादी करके दूसरे घर आना
प्यार से दुलार से सबको अपना बनाना
प्यार से खाना परोस के कभी
कभी सपनों से घर को सजाना
सबके सामने मुस्कुरा के तन्हाई में रोती
क्योंकि नारी कभी रिटायर नहीं होती
फिर बच्चों का जीवन में आना
रात भर की नींद गवानां
दिन भर के काम में फुरसत का गुम हो जाना
कभी थकावट से चिड़चिड़ी सी होजाती
कभी प्यार से नज़र उतार
ती
क्योंकि नारी कभी रिटायर नहीं होती
अब बच्चो की पढ़ाई की चिंता में खुद को डुबाना
काम खत्म करके उनके नोट्स बनाना
कभी एक की सुनती कभी दूसरे की लिखती
उनकी तरक्की के सपने आंखों में संजोती
क्योंकि नारी कभी रिटायर नहीं होती
फिर बच्चो की कामयाबी का जश्न मनाना
कभी मन्नत कभी प्रसाद
कभी देसी घी के लड्डू बनाना
घर में बच्चो के आने तक एक पल ना सोती
क्योंकि नारी कभी रिटायर नहीं होती
आज नौकरी से रिटायर हो जाऊंगी
दोस्तों से दूर हो के कुछ पल दुखी हो जाऊंगी
पर कल से फिर नए काम की लिस्ट बनाऊंगी
नाती पोतों के साथ समय बिताने की
सोच के मन ही मन में खुश होती
क्योंकि नारी कभी रिटायर नहीं होती।