Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Ruchi Chhabra

Inspirational

4.7  

Ruchi Chhabra

Inspirational

पुत्री को पत्र

पुत्री को पत्र

1 min
269


तारों भरे आकाश में

तुम स्वयं शशि समान हो

हे पुत्री तुम ग़ौरव मेरा

हे पुत्री तुम अभिमान हो।

तुम दुर्गा सम शक्तिस्वरूप

तुम सरस्वती का ज्ञान हो

हे पुत्री तुम ग़ौरव मेरा

हे पुत्री तुम अभिमान हो।

हो पथ भ्रमित या हो दुविधा में मन

कितनी भी लंबी डगर हो

कितना भी कठिन सफ़र हो

बस लक्ष्य पर ही ध्यान हो

हे पुत्री तुम ग़ौरव मेरा

हे पुत्री तुम अभिमान हो।

एक दिन प्रकाश आएगा

इस तिमिर का जो नाश हो

तुम लक्ष्य साध आगे बढ़ो

ना मन में डर का स्थान हो

हे पुत्री तुम ग़ौरव मेरा

हे पुत्री तुम अभिमान हो।

गर लक्ष्य पूर्ण ना हो सके

तो मन को न निराश कर

तब ज्ञान गंगा में स्नान कर

नव लक्ष्य का निर्माण हो

हे पुत्री तुम ग़ौरव मेरा

हे पुत्री तुम अभिमान हो।

तेरे ज्ञान से ही प्रकाश हो

तेरे ज्ञान का ही मान हो

हे पुत्री अपने ज्ञान से

तुम जग में कीर्तिमान हो

हे पुत्री तुम ग़ौरव मेरा

हे पुत्री तुम अभिमान हो।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational