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Bhawana Raizada

Romance

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Bhawana Raizada

Romance

न कोई सीमा, न कोई बंधन

न कोई सीमा, न कोई बंधन

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न कोई सीमा, न कोई बंधन,

बस प्रेम ही मेरा स्वर्ण धन।


न कोई रीत, न कोई अनबन,

तुमसे ही अब सारे संगम।


न कोई बात, न कोई जात,

तुम से ही सारे जज़्बात।


न उम्र की चिंता, न रंग का फर्क,

तुम्हारे लिए ही चंदा को अर्क।


न कोई समाज, न कोई रीति,

तुमसे ही सारे सुख की अनुभूति।


न कोई पराया, न कोई अपना,

तुम संग देखूं अब हर सपना।


न कोई वादा, न कोई रसम,

तुम संग प्रीत है तुम्हारी कसम।


न कुछ सोचना, न कुछ जाना,

बस तुम्हें ही दिल ने पहचाना।


न दुनिया की परवाह, न रिवाज़,

बस तुम मिला दो साथ में आवाज़।


न कुछ मांगा, न कुछ तुमसे चाहा,

हमको अपना जानो बस इतना कहा।


न कोई सीमा, न कोई बंधन,

बस प्रेम ही मेरा स्वर्ण धन।








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