मुस्कुरा
मुस्कुरा
प्यार से ही ज़रा मुस्कुरा दीजिए !
जिंदगी भर ऐसी ये दवा दीजिए
कुछ मिलेगा नहीं यूं गिला करने से
छोड़ो नाराज़गी मुस्कुरा दीजिए
और भी तुम हंसी यूं लगोगे सनम
फूल जुल्फों में अपने सजा दीजिए
दोस्त बनकर रहे जिंदगी भर सनम
दुश्मनी दिल से अपने भुला दीजिए
प्यार के दीप दिल में जलाकर सदा
नफ़रतों के वो हिस्से जला दीजिए
टूटे दिल को आज़म के आए कुछ करार
आज कोई ग़ज़ल इक सुना दीजिए
आज़म नैय्यर
सहारनपुर यूं पी
