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Sweta Parekh

Abstract

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Sweta Parekh

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मुस्कान

मुस्कान

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मुस्कान, कितनी खूबसूरतसी चीज है ना !

बड़ी से बड़ी मुश्किलो से लड़ने का साहस देती है,

बड़े बड़े फेसलो को आसान कर देती है, 

एक मुस्कान ही तो है जो रंक से लेके धनवान को भी लुभाती है।


माँ की मुस्कान खुद को आगे बढ़ने का साहस देती है,

पिता की मुस्कान उसके गर्व का अहसास कराती है,

भाई बहेनो की मुस्कान उनके साथ होने की अनुभूति,

एक मुस्कान ही तो है जो दो अनजान को भी साथ लेके चलती है।


एक प्यारी मुस्कान बड़ी से बड़ी तकरार मिटा देती है,

एक मीठी मुस्कान बड़े से बड़ा घाव भर देती है,

एक मुस्कान ही तो है जो बिगड़े रिश्तो को भी सवार देती है।


मुस्कान की सिलवटों में इतनी ताकत है की रिश्तो में पड़ी गाठ खोल दे,

एक मुस्कान, कितनी खूबसूरतसी चीज है ना !



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