मुश्किलें
मुश्किलें
मुश्किलें उन्हें मिलती है, जो मुश्किलों से लड़ सकते है।
मंजिले उन्हें मिलती है, जो बेधड़क होकर चल सकते है।।
उन्हें न मिलते है, गुलाब कभी, जो शूल चुभन से डरते है।
वो पाते दरिया में साहिल, जो लहरों के विरुद्ध चलते है।।
वो कुछ नही कर सकते है, जो आलस्य को रब करते है।
वो धरा के बोझ बन जाते है, जो ख्यालों में जिया करते है।।
वो अंगारों में भी अपने लबों पर मुस्कान रखा करते है।
जो हर समस्या में भी जिंदादिली से जिया करते है।।
उनकी आँखें होती है, आईना जो शीशे हुआ करते है।
वो दुःख में भी सुख की तरह जि
ंदगी जिया करते है।।
जो जिंदगी के घने पतझड़ को सावन किया करते है।
उनका जीवन राख है, जो उजाले में तम ढूंढा करते है।।
उन्हें खुशी में भी हर जगह गम ही गम दिखा करते है।
जो दिन के उजालों मे भी आंखे बंद कर चला करते है।।
जो ख्वाब में भी मंजिल के लिये निरंतर चला करते है।
वो आदमी इस दुनिया मे सफलता को चूमा करते है।।
हिना रंग तब लाती है, जब उसको हम रगड़ते है।
वैसे कुंदन तब बनता है, जब आग से गुजरते है।।
मुश्किलों से वो आदमी यहां पर निपट सकते है।
जो बुरे वक्त मे मेहनत साथ धैर्य, बहादुरी रखते है।।