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Parinita Sareen

Classics Inspirational

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Parinita Sareen

Classics Inspirational

मुकाम कुछ तो पाना है

मुकाम कुछ तो पाना है

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मुकाम कुछ तो पाना है

बलिदानों का कर्ज़ चुकाना है।

यह मौका जो मिला है -

बार बार न आएगा,

एक ही जिन्दगी में सब कुछ कर जाना है।

मुकाम कुछ तो पाना है।


आए थे आखों में सपने सजाए,

कुछ करने का दृढ़ निश्चय बनाए।

गिरे, उठे, फिर गिरे फिर उठे -

उम्र भर बस यही करते जाना है।

मुकाम कुछ तो पाना है।


लहराता तिरंगा देख, मेरे मन में भी उमंग उठे,

क्यों न करें कुछ सबसे अलग ?

क्यों दुर्गम परिस्थितियों के आगे झुकें ?

यही तिरंगा एक दिन हक़ से फहराना है।

करके पूर्ण समर्पण, 

वतन पर अपने कुर्बान हो जाना है।

मुकाम कुछ तो पाना है।


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