मैं इश्क़ लिखूं तुझे हो जाए
मैं इश्क़ लिखूं तुझे हो जाए
बिना मंजिलों के राहों पर
आ चलते चलते खो जाएं,
तू मेरा नहीं, पर मेरा हो,
मेरे नाम से तुझमें सुकून आए।
तेरी सुबह का आगाज़ मुझसे हो
और अंत हो मुझ पर ही शामें सभी,
तुझमें तुझको मैं मिलूं
और मिले मुझमें तू कहीं।
काश कभी कुछ ऐसा हो
सपने मेरे ये सच हो जाएं
पन्नों पर जब भी उतारू तुझे
मैं इश्क़ लिखूं तुझे हो जाए।