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Parinita Sareen

Abstract

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Parinita Sareen

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कमाल है ना?

कमाल है ना?

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१ कमाल है ना!

वो मीलों दूर आसमान में बादलों के साथ

आंख मिचोली खेलता चांद

हमारी अनकही बातें भी सही समझ जाता है

पर इतने नज़दीक होकर भी

वो हमारी कही बातें गलत ही समझते हैं


२ कमाल है ना!

वो बाहर चलती मदमस्त हवा परिंदों के

परों में तो उड़ान भरती है

पर उनकी खुशबू मुझ तक और

मेरी खुशबू उन तक नहीं पहुंचाती


३ कमाल है ना!

इतनी नजदीकियां भी हमारी

दूरियां मिटा नहीं पाती और वो चांद,

जानते हुए भी कि कभी सूरज का नहीं होगा,

बेपनाह मुहब्बत का प्रमाण दे जाता है

कमाल है ना?



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