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Mayank Kumar

Romance

3  

Mayank Kumar

Romance

मुझको रिहाई दे दे ना

मुझको रिहाई दे दे ना

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मुझको रिहाई दे दे ना अपनी कैद से

मुझको रिहाई दे दे ना यादों के जिस्म से


टूटी-फूटी सड़क-सा मैं हो गया हूँ

दुनिया की भीड़ में कहीं खो गया हूँ

अब इश्क़ का अलकतरा मुझ पे थोंप दे


टूटी सड़क की फिर मरम्मत कर दे

टूटी-फूटी सड़क पे मोटर फिर चला दे

इश्क का पेट्रोल मोटर में फिर डला दे

मुझको रिहाई दे दे ना यादों के जिस्म से


बदले मन, जग बदली,

मंजिल बदले, सब कुछ बदली,

जहान बदले, फिजाएं बदली,

साली सब कुछ बदल गई,


पर तुम ना बदली, यह तो कह दे

मुझको रिहाई दे दे ना यादों के जिस्म से


हमारी इश्क में खग्रास फिर आ गया है

फिर हमें यह काली चादर से ढँका है

तुम बस खड़ी रहना

मेरे साथ बनी रहना

मैं इसे फिर मिटा दूँगा


तुम बस निनिर्मेष रहना

गर फिर आज तुम भाग गई तो

मुझको रिहाई दे दे ना यादों के जिस्म से !


भग्नावशेष ही बचा हमारे प्यार का

इसका हिफाजत कर सकूं इसलिए

मुझको रिहाई दे दे ना अपनी कैद से

मुझको रिहाई दे दे ना यादों के जिस्म से !


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