मुझे तुमसे मोहब्बत
मुझे तुमसे मोहब्बत
मुझे तुमसे मोहब्बत है
ये कहने में सदियां बीत गई ,
जब वो पल आया भी तो
तुम्हारी ख़ामोशी फिर जीत गई।
मुझे तुमसे मोहब्बत है
हर मुलाकात में आँखें बोल गई
मुझे तुम से कोई रंजिश नहीं
ये दुनियां साफ़ पानी में रंग खोल गई।
मुझे तुमसे मोहब्बत है
कितने प्यार से चार लफ्ज़ कहे
तुमने सोचा और वक़्त मैं लू
ये तमन्ना मेरी ज़िंदगी रोल गई।
मुझे तुमसे मोहब्बत है
ये सुनने को बेकरार था मैं
तेरा इंतज़ार इतना लम्बा था
के ज़िंदगी बस बेमोल गई।