जिद भरी ये बात करते हैं।
जिद भरी ये बात करते हैं।
चिराग कैसी जिद भरी ये बात करते हैं।
चलो हम आज तूफानों से बात करते हैं।
शबनम की जिंदगी पे धूप न तरस खाती।
मोती शबनम के सूरज से बात करते हैं।
चुनावी साल में भेड़िए आ डटे हैं मैदा में।
भेड़ों के झुंड से ये वोटो की बात करते हैं।
रेवड़ी बांटते हैं भेड़िए इन बेचारी भेड़ों में।
किस भेड़िए को बोट दें ये ही बात करते हैं।
प्रदेश कर्ज में डूबा है इससे क्या मतलब ।
सत्ता पाने को रेवड़ी बांटने की बात करते हैं।