Unmask a web of secrets & mystery with our new release, "The Heel" which stands at 7th place on Amazon's Hot new Releases! Grab your copy NOW!
Unmask a web of secrets & mystery with our new release, "The Heel" which stands at 7th place on Amazon's Hot new Releases! Grab your copy NOW!

Mayank Kumar 'Singh'

Abstract

5.0  

Mayank Kumar 'Singh'

Abstract

मुझे पता है

मुझे पता है

1 min
361


मुझे पता है

आज उदास हो तुम

मुझे पता है

आज परेशान हो तुम

मुझे पता है

आंसू की मोती गिर रहे हैं तुम्हारे आंखों से

मुझे पता है

इन आंखों के जरिए ढूंढ रही मुझे तुम


मैं ठीक हो जाऊंगा

तुम्हारा प्यार है जो साथ


मुझे यह भी पता है

थोड़ा बीमार हूं मैं आज !


मुझे पता है नहीं हूं तेरे पास

महसूस तो कर इन हवाओं को

देखना कैसे मैं भी हूं बैठा उदास !


आ गया देखों बहुत पास प्रियसी

करीब आना थोड़ा हंस लूँ साथ !


अब मान भी जा ठीक हूं बिल्कुल तेरे साथ

हवाओं में घुल गई है " मोहब्बत "

देख कैसे खेल रहा हूं तेरे साथ !

मत करो , मुझसे प्यार बस हंस दो एक बार .


तुझे अपनी बाहों में भर लूं

इज़ाजत तो दो एक बार

होठों को होठों से करने दो बात

शायद ठीक हो जाऊं मैं फिर एक बार ! !


मुझे पता है आज उदास हो तुम . .



Rate this content
Log in

More hindi poem from Mayank Kumar 'Singh'

Similar hindi poem from Abstract