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Vaibhav Dubey

Drama

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Vaibhav Dubey

Drama

मुझे मत मारो

मुझे मत मारो

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सुनो मम्मी सुनो पापा तुम्हारी गुड़िया रानी हूँ

जो भैया की कलाई पर बंधे राखी सुहानी हूँ


मैं नन्हें दिल के सपनों से इसी आँगन में खेलूंगी

नहीं मारो मुझे तुम कोख में दुनिया मैं देखूंगी

तुम्हारे प्यार के लम्हों की मैं भी इक निशानी हूँ

सुनो मम्मी सुनो पापा तुम्हारी गुड़िया रानी हूँ


वो डॉक्टर चन्द रुपयों में मेरे अंगो को काटेगा

मैं भय से कांप जाती हूँ मुझे टुकड़ों में बाँटेगा

बहा देगा तुम्हारे खून को या फिर मैं पानी हूँ

सुनो मम्मी सुनो पापा तुम्हारी गुड़िया रानी हूँ


मेरे बालों को दो छोटी सी चोटी से सजा देना

नज़र न लग सके माथे पे काजल भी लगा देना

अभी बचपन तो जीने दो तुम्हारी ही जवानी हूँ

सुनो मम्मी सुनो पापा तुम्हारी गुड़िया रानी हूँ


मैं उलझे बाल सुलझाऊंगी माँ सर भी दबाऊँगी

सुनूँ पापा की आहट दौड़ कर पानी ले आऊँगी

करो पूरी लिखी तुमने अधूरी इक कहानी हूँ

सुनो मम्मी सुनो पापा तुम्हारी गुड़िया रानी हूँ


यूँ रोकर पेट सहलाकर माँ ममता को नहीं बांधो

अगर मुझको बचाना है तो फिर मर्यादा भी लांघो

बिताया वक़्त तुमने साथ माँ यादें पुरानी हूँ

सुनो मम्मी सुनो पापा तुम्हारी गुड़िया रानी हूँ


ख़बर अखबार में पढ़ते हो पापा रोज बेटी की

हुआ आकाश बेटी का हुई धरती ये बेटी की

मुझे बहने दो मत रोको मैं मौजों की रवानी हूँ

सुनो मम्मी सुनो पापा तुम्हारी गुड़िया रानी हूँ।


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