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Mukesh Kumar Modi

Abstract Inspirational Others

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Mukesh Kumar Modi

Abstract Inspirational Others

मृत्यु का उत्सव

मृत्यु का उत्सव

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जन्म होते ही उत्सव के आते रहते कई पड़ाव

इन उत्सवों से जीवन भर मन का रहता जुड़ाव


उत्सव मनाते हुए मृत्यु का जब आगमन होता

भूलकर उत्सवों की यादें मन तब कितना रोता


उत्सव बिना ये जीवन सूना जैसे होता श्मशान

चेहरे पर नजर न आता मुस्कुराहट का निशान


जब तक है जीवन तब तक ही उत्सव ये आते

जाएंगे सब छोड़कर क्यों ना मन को समझाते


मृत्यु रूपी सच्चाई जानकर जीना करें आसान

आओ अपनी मृत्यु को मनाएं उत्सव के समान



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