मरघट पर मिलेंगे!
मरघट पर मिलेंगे!
मरघट तक साथ दिया है,
आवश्यकता तुमसे अब कुछ और शेष नहीं,
सफेद से कब तक लिपटे रहोगे,
बेरंग तुम्हारा अब और वैश् नहीं।
उसने तुमको कुछ कर्म दिया है,
रेवास के लिए मरघट तुम्हारा स्थान नहीं,
पुनः जाओ अपने जीवन भर की कमाई कुटिया में,
घर रहना चाहिए वीरान नहीं.
मेरा सोचते हो, मेरा क्या ?
मेरी तो परीकाष्टा यही है,
मैं किसी काब आधिण नहीं,
तुम निकल पड़ो अपनी लालसा की पूर्ति करने,
तुम्हारे लिए यह नजारा होगा ईतना हशिण नहीं.
पर मेरा कहना याद रखना
सीख जो यहां मैंने पाई वही सुनाता हूं,
अंतिम यात्रा हम सबकी एक है
यहीं बैठा तुम्हारे लिए सथान बनाता हूं,
अपना कुबेर का धन तिजोरी में रखना,
महंगे कपड़े अलमारी में,
मां पत्नी और बेटी को चौखट तक ले आना,
बाकी सब पुरुषों को शमशान तक,
और साथ कुछ भी लाने की चेष्टा ना करना,
मेरी आदेश की अवहेलना न करना,
धरती मां केवल तुम्हें अपना आएगी तुम्हारे मोह को नहीं,
साथ आए मिट्टी डालेंगे,
तुम्हारे शव पर फूल खिलेंगे,
चलो अलविदा, अब फिर हम मरघट पर मिलेंगे,
मरघट पर मिलेंगे, मरघट पर मिलेंगे !