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Ritu Rose

Comedy

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Ritu Rose

Comedy

मोटी आंख

मोटी आंख

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यह मोटी आंख ड्रम दोनों दारू के

मैं तेरे प्यार में टल्ली गोता मारूं के

1

सुबह शाम का पता नहीं तू ही दिखे लारा में

तेरे बिना दुनिया फिकी रौनक नहीं बाजारा में

मेरे सर पर चढ़कर बैठ गई कंधों पर के तारू के

यह

मैं तेरे

2

तू रूह मेरे जिस्म कि तु खुशी है मेरे मन की

तेरा रूप कातिल बरगा हीरणी लागे तु बण की

तने घायल करने खातिर तीर नजर के मारु के

यह

मैं तेरे

3

सूरज शालू डूब गए तेरे आंखों वाले ड्राममें

तिहाडिया ने सुकून नहीं तेरे दिल आले आराम में

आगे पीछे ऊपर नीचे पैक तू बन जा दारू के।


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