Himanshu Jain
Tragedy
सुना था बंद कर ली थी उसने आंखे,
कई रातो से वो सोया नहीं था !
ब्रोकन हार्ट
मोहब्बत
बेबसी
गहराई
ख़ामियाँ
खूबसूरती
हमें ताउम्र अफसोस - ए - गम कि समुद्र में छोर चली जाती है। हमें ताउम्र अफसोस - ए - गम कि समुद्र में छोर चली जाती है।
मां बाप को अपने बच्चों से कभी कोई शिकायत नहीं। मां बाप को अपने बच्चों से कभी कोई शिकायत नहीं।
आता नहीं बुलाने पर भी मिलनें को जिसके लिये आज़म दिल बेक़रार है। आता नहीं बुलाने पर भी मिलनें को जिसके लिये आज़म दिल बेक़रार है।
थोड़ा और साथ चलते तो समझ और हो आती थोड़ा और साथ चलते तो समझ और हो आती
मुझे बड़ी प्यास थी तेरी प्यासा रह गया आँखों में, मुझे बड़ी प्यास थी तेरी प्यासा रह गया आँखों में,
कल तक मालिक थे और आज मैं एक आवारा बछड़ा हूं, क्यों… कल तक मालिक थे और आज मैं एक आवारा बछड़ा हूं, क्यों…
इसलिये है प्यार की ख़ुशबू यहां है गुलों के बाग मेरे गांव में इसलिये है प्यार की ख़ुशबू यहां है गुलों के बाग मेरे गांव में
अब समझ सको तो समझो तुम कोई ले ही नहीं सकता जगह तुम्हारी। अब समझ सको तो समझो तुम कोई ले ही नहीं सकता जगह तुम्हारी।
पैसा अब इंसान से बढ़कर अपने गम को छुपता हूँ मैं, ये तुमको मैं बताऊँ क्यू । पैसा अब इंसान से बढ़कर अपने गम को छुपता हूँ मैं, ये तुमको मैं बताऊँ क्यू ।
हवा में लहरे चंचल चितवन नन्हीं मन की ऊँची उड़ाने। हवा में लहरे चंचल चितवन नन्हीं मन की ऊँची उड़ाने।
कन्यादान की रीत में जाने कब सामान बन गयी ये बेटियाँ। कन्यादान की रीत में जाने कब सामान बन गयी ये बेटियाँ।
दूसरों का जीवन भी जलाकर उन्हें बर्बादी की कगार पर पहुंचाते हैं। दूसरों का जीवन भी जलाकर उन्हें बर्बादी की कगार पर पहुंचाते हैं।
जीवन एक निबंध सा लिखते जाओ। जीवन एक निबंध सा लिखते जाओ।
क्यों जमीन से आसमान पे जा रहा है इंसान । क्यों अपनी ही जमात से घबरा रहा है इंसान । क्यों जमीन से आसमान पे जा रहा है इंसान । क्यों अपनी ही जमात से घबरा रहा है इं...
हां डर तो लगता है... डर लगता है भीड़ से. हां डर तो लगता है... डर लगता है भीड़ से.
बुझा डाले जलते बुझते अरमान। बुझा डाले जलते बुझते अरमान।
उजड़ा-उजड़ा चमन भीगा-भीगा हर नयन। उजड़ा-उजड़ा चमन भीगा-भीगा हर नयन।
गुनहगार समझकर पूरी कौम को डाल दिया हाशिये पर गुनहगार समझकर पूरी कौम को डाल दिया हाशिये पर
तमाशा दुनिया सारी कैसे कहूँ दिल तन्हा तन्हा। तमाशा दुनिया सारी कैसे कहूँ दिल तन्हा तन्हा।
बर्फ सा पिघल रहा हूं, सांसे भारी हैं मेरी वक्त भी कम है। बर्फ सा पिघल रहा हूं, सांसे भारी हैं मेरी वक्त भी कम है।