Himanshu Jain
Romance
लोग कहते हैं
मोहब्बत महंगी है,
कोई खरीद
नहीं सकता,
और हम तो
उसे देखकर ही
बिक जाते हैं।
ब्रोकन हार्ट
मोहब्बत
बेबसी
गहराई
ख़ामियाँ
खूबसूरती
तुमसे मेरा मिलना एक नायाब मौका था। तुमसे मेरा मिलना एक नायाब मौका था।
एक बार फिर अपने रिश्ते में नई ऊर्जा, नयापन भर दिया जाए।। एक बार फिर अपने रिश्ते में नई ऊर्जा, नयापन भर दिया जाए।।
अब तो जब तक रूह रहेगी मेरा ये प्यार यूं ही रहेगा दीवानापन ऐसे ही बढ़ेगा। अब तो जब तक रूह रहेगी मेरा ये प्यार यूं ही रहेगा दीवानापन ऐसे ही बढ़ेगा।
मेरे दिल की सुनो . . . ना ऐ हमदम आज तो मेरे दिल की सुनो ना। मेरे दिल की सुनो . . . ना ऐ हमदम आज तो मेरे दिल की सुनो ना।
जब होंगी आंखे चार दिल धड़केगा बार बार। जब होंगी आंखे चार दिल धड़केगा बार बार।
काश खुशियों से सौदा किया होता तड़पने के बदले मैंने मौत को मांगा होता काश खुशियों से सौदा किया होता तड़पने के बदले मैंने मौत को मांगा होता
मन मसोस कर रह जाता हूँ कैसे कितना यार सहूँ मन मसोस कर रह जाता हूँ कैसे कितना यार सहूँ
तुम निकलती जब भोर उजाले हो जाता मैं ओझल प्रिये ! तुम निकलती जब भोर उजाले हो जाता मैं ओझल प्रिये !
मेरे जीवन में आकाश सा विस्तार लिए अनंत हो. मेरे जीवन में आकाश सा विस्तार लिए अनंत हो.
उसके बिना इक पल रह न सकूं, उसके संग हर पल लगता है कम। उसके बिना इक पल रह न सकूं, उसके संग हर पल लगता है कम।
यह रिश्ता खास है क्योंकि यह दिल के साथ है। यह रिश्ता खास है क्योंकि यह दिल के साथ है।
कभी नजर झुकाते नहीं पर मेरे पास नजर झुका के ही रहते हो, कभी नजर झुकाते नहीं पर मेरे पास नजर झुका के ही रहते हो,
कुछ मै भी नीर बहाऊँगा इतना साहस कर लेना तुम जब करने को कोई, बात न हो। कुछ मै भी नीर बहाऊँगा इतना साहस कर लेना तुम जब करने को कोई, बात न हो।
समंदर के लहरो सी, लहराती हुई जिंदगी। समंदर के लहरो सी, लहराती हुई जिंदगी।
तुम महलों की उड़ती तितली मैं लघु कुटिया का भँवरा प्रिये, तुम महलों की उड़ती तितली मैं लघु कुटिया का भँवरा प्रिये,
मेरे रोने पर वो संग संग रोता है मेरे मन का बोझ को कम करने को हमदम बना मेरे रोने पर वो संग संग रोता है मेरे मन का बोझ को कम करने को हमदम बना
लेकर ही जियूंगी तेरी यादों की शीतल यादें अधूरा ही सही प्रेम शीतल चांदनी सा मुझमें। लेकर ही जियूंगी तेरी यादों की शीतल यादें अधूरा ही सही प्रेम शीतल चांदनी सा मु...
ये इश्क़ ए हक़ है की वो, आ गए जानिब ए मन ये इश्क़ ए हक़ है की वो, आ गए जानिब ए मन
एक कविता तुम्हारे लिए लिखनी थी मुझे! पर लिखूं, तो क्या लिखूं? एक कविता तुम्हारे लिए लिखनी थी मुझे! पर लिखूं, तो क्या लिखूं?
मेरे दिल के बगिया में तुम आ जाओ बनकर मेहमान प्रिये मेरे दिल के बगिया में तुम आ जाओ बनकर मेहमान प्रिये