मोहब्बत मिला रहे हैं
मोहब्बत मिला रहे हैं
इशारों से ही वो मुझको बुला रहे हैं,
नींद से जगे हैं खुद को सुला रहे हैं।
सामने खड़ी है पुरानी प्रियतमा उनकी,
मुझे बुलाकर शायद उसे जला रहे हैं।
सब्जी काटते हुए मेरे हाथों में कट लग गया,
प्यार से मुझे अपने हाथों से वो खिला रहे हैं।
देर ही सही सच्चे दिल से मुझे स्वीकार किए हैं,
जाम ए मोहब्बत का वो मुझको पिला रहे हैं।
अभी तक मेरा पहनावा था खुद के मुताबिक,
अब मेरे लिए अपनी पसंद का ड्रेस सिला रहे हैं।
कहते हैं जो बीत गया उसे भूल तुम जाओ,
'सरगम' की मोहब्बत को खुद से मिला रहे हैं।
