मोहब्बत की किताब
मोहब्बत की किताब
मोहब्बत की किताब लिख दी मैंने तेरे वास्ते
अपने को कहानी बनाया खुद तेरे वास्ते
हर लफ़्ज तेरे होने का एहसास दिलाता है
नये से नये गीत लिख दिए मैंने तेरे वास्ते।
मोहब्बत........
जब तक तू न था मैं था कोरा कागज
तेरे आने से ही भर गया दिल का कागज
दिल के हर कोने में तस्वीर बना ली तेरी
साया बन गया हूँ तेरा ,तू भी बन जा मेरे वास्ते।
मोहब्बत........
अपने प्रेम संग्रहालय में तुझको रख लिया है
अपना प्रेम ग्रन्थ तुझपे ही लिख दिया है
साँसों को सरगम है बनाया,जीना सिर्फ तुझसे है आया
दिल जोरों से धड़कता रहता है बस तेरे वास्ते।
मोहब्बत......
तुझे लिखा था,तुझे लिखा है,तुझे ही लिखता रहूँगा
कल बिका था,आज बिका हूँ,कल भी बिकता रहूँगा
पर तू ही है मेरी बस मेरी वो अधूरी कहानी
पूरा करने को खुद को लिख डाला मैंने तेरे वास्ते।
मोहब्बत........