मोहब्बत और मौत
मोहब्बत और मौत
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मोहब्बत और मौत की फितरत एक है
एक माँगता दिल दूसरा उसकी धड़कन
दोनों आते चुपके चुपके अंजान राहों से
भरती एक बाहों मे दूजा बढ़ाती बेसुध राहों पे
मोहब्बतें बनाती कहानियाँ
सुबोध भी जटिल भी
खामोश भी बिंदास भी
पहचानी भी अंजानी भी
व्यक्त भी अव्यक्त भी
जवान भी उम्रदराज भी
मौत तेरी एक ही पहचान
अटल सत्य पूर्ण विराम !
तेरे सिवा प्रेमी सब सिर्फ कहने को
बैठा तैयार व्याकुल तुमसे मिलने को
लगता है मौत तू बहुत ही हसीन होगी
तभी तो प्रथम मिलन में रुकती धड़कन होगी।