मोबाइल क्रांति
मोबाइल क्रांति
मोबाइल इस शताब्दी की,
सबसे बड़ी खोज,
इसने इतना परिवर्तन लाया,
इंसान के जीवन में,
सुख सुविधा का,
पिटारा खुला,
वो घर बैठे बैठे,
सबकुछ कर पाता,
दुनिया के किसी भी कोने से,
जूड़ पाता।
इसमें बहुत बड़ी,
क्रांति लाने वाले थे,
स्टीव जौब।
उनका जीवन,
बहुत संघर्ष मय था,
बचपन में,
पैसे की कमी,
नहीं दे पातेे थे,
स्कूल फीस,
फिर भी संघर्ष न छोड़ा,
आखिर शहर केे,
सबसे अच्छे कालेज में हुए दाखिल,
मांं बाप दोनों करते थे काम,
नहीं हो पाता था,
खर्चा पूरा,
बेचने लगे,
कोल्ड ड्रिंक्स,
कालेज के बाद,
बचाने के लिए हास्टल का खर्चा,
सो जाते थे,
दोस्तों के कमरे में,
जमीन पे ही,
फिर तंगी की बजह से,
कालेज छोड़ दिया,
दोस्तों से मिलकर,
एक कंपनी बना डाली,
उसने बनाए,
ओपरेटिंग सिस्टम मैकिंंटोश,
खूब बेचे,
अंत में,
हुई शुरुआत "ऐपल" कंपनी की,
लेकिन दोस्तों से,
हो गई अनबन,
बोर्ड आफ डायरेक्टरज ने,
उठा बाहर किया,
खाने के लालेे पड़ गये,
आखिर दो और कंपनीयां का,
निर्माण किया,
नाम था,
नेक्स्ट इंक और पिक्सलर।
उधर ऐपल घाटेे में आ गई,
दोस्तों ने फिर से,
बुला लिया,
अब स्टीव जोबज को,
कंपनी की सीईओ,
बना डाला,
उन्होंने ऐपल बनातीं थी,
200 प्रोडक्ट,
घटाकर कर डाले 10,
इन पर केंद्रित किया,
फिर निकाला आई मैक,
बाद में आई फ़ोन और आई पैड आया,
बिके धड़ाधड़,
सबको मार्केट से,
बाहर धकेला,
दुनिया की सबसे अमीर कंपनियों में,
ऐपल का नाम,
शुमार हुआ,
ये बन गईं,
पहली टरीलियन डालर कंपनी।
स्टीव जौबज,
हमेेेशा कहा करते थेे,
"जिनमें दुनिया बदलने का पागलपन होता,
वो सचमुच एक दिन,
कर दिखाते।
