STORYMIRROR

Chandni Purohit

Abstract Romance

4  

Chandni Purohit

Abstract Romance

मन्नत के धागे

मन्नत के धागे

1 min
533

वक़्त बदलता नहीं यूँ उसे बदलने की तरकीब चाहिए 

तू उठ अब खुदा के बंदे मुझे तेरी अब हर चीज चाहिए 


इश्क़ है तू ईमान ना खो मुझे तुझसे मेरा सम्मान चाहिए

साया मेरा साथ तेरे दोनों संग पंच तत्व में विलीन चाहिए 


रूह को तुझसे सूकून मिले हर जीत पर तेरा साथ चाहिए 

मन्नत के धागे बाँधे हर जगह कि ऐसा मुझे हमसफ़र चाहिए 


सलामती तेरी तरक्की तेरी दुआ सारी अब कुबूल चाहिए 

मुट्ठी में भर लूँ आसमाँ राह में न रहे अब कोई शूल चाहिए 


ज़ज्बात मेरे बेकाबू जैसे शोहरत तेरी अब बेपनाह चाहिए 

प्यार मेरा सच्चा रे पगले ! हाँ ! मुझे बस हर जन्म तू चाहिए।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract