STORYMIRROR

Amrita Singh

Romance

3.5  

Amrita Singh

Romance

मंजिल

मंजिल

1 min
27


कहीं तो मिलो 

कभी तो मिलो 

अनजाने रास्ते हैं

मीलों के फासले हैं

जाने कहां ले जाए 

ये अनजान रास्ते हैं

मंजिल भी अनजान हैं

रास्ते भी अनजान हैं

मीलों का सफर है

कम करने फ़ासले हैं

तुझसे ही शुरू 

और तुझपे ही 

खत्म मेरी मंजिल का 

कारवां है !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance