मंजिल
मंजिल
कहीं तो मिलो
कभी तो मिलो
अनजाने रास्ते हैं
मीलों के फासले हैं
जाने कहां ले जाए
ये अनजान रास्ते हैं
मंजिल भी अनजान हैं
रास्ते भी अनजान हैं
मीलों का सफर है
कम करने फ़ासले हैं
तुझसे ही शुरू
और तुझपे ही
खत्म मेरी मंजिल का
कारवां है !
कहीं तो मिलो
कभी तो मिलो
अनजाने रास्ते हैं
मीलों के फासले हैं
जाने कहां ले जाए
ये अनजान रास्ते हैं
मंजिल भी अनजान हैं
रास्ते भी अनजान हैं
मीलों का सफर है
कम करने फ़ासले हैं
तुझसे ही शुरू
और तुझपे ही
खत्म मेरी मंजिल का
कारवां है !