तुझ जैसा नहीं तू ही चाहिए
तुझ जैसा नहीं तू ही चाहिए


ना चाँद चाहिए ना फलक चाहिए
मुझे बस तेरी एक झलक चाहिए।
तेरी एक आवाज़ पर अपना सबकुछ लुटा दू
मुझे बस तेरे लबों पर मेरा नाम चाहिए।
तू जिस नजर से टकटकी लगाकर जो देखे मुझे
मुझे बस वह पल चाहिए।
कुछ दूर चल सकू जो संग तेरे
मुझे बस तेरा वो साथ चाहिए।
अपनी परछाई भी नाम कर दू तेरे
मुझे बस ऐसा हमराज चाहिए।
दिल की कलम से लिख दू यह लम्हे इश्क़ के
मुझे बस ऐसी दास्तान चाहिए।
मुझसे पहले मेरी फिकर करते हो तुम
मुझे बस तेरे हाथो में मेरा हाथ चाहिए।
मिलते होंगे लोग एक ही फितरत के हर जगह
पर मुझे तुझ जैसा नहीं तू ही चाहिए।