मंगल यात्रा
मंगल यात्रा
माताजी का प्यार मिला
पूज्य पिता से जुड़ा रहा
भाई बहनों से भी थोड़ा
प्यार का संदेश मिला ।
गुरुभूतों से अच्छी सीख
लेकर यात्रा ज़ारी की
सहपाठी की शरारतें भी
उमड़ रही है मिटी नहीं ।
नौकरी की तलाश में
कितने द्वार किवाड खुले
कोशिश करके पाया फिर
जिंदा लेने का रास्ता ।
रिश्तेदारों की सहमति से
शादी को तैयार हुआ
बडी खुशी से मित्रजनों को
दावत देकर बात चली ।
फिर जीवन के संकटमय
कितने घोर दिनांत हुए
तूफानों के प्रहार को
साहस भरकर जीत लिए ।
प्रति रातों में तारे सब
मंगल यात्रा निहारकर
अगणित जुगनू को भेजा
आगे का पथ दर्शाने |
कितने पुण्य निकेतों में
उतने तीर्थ स्थानों में
नित्य निरत यात्रा करके
मुक्ति की शुभ चिंता की !
सारे मित्र जनों को फिर
देश विदेश के लोगों को
स्नेह-सुधारस वर्षा कर
जीवन यात्रा जारी है।
