मन में है विश्वास
मन में है विश्वास
विश्व में शाँति छा जायेगी,
इंसान - इंसान को चाहेगा,
कोई किसी को न आँख दिखायेगा,
परमाणु बमों की धौंस धरी रह जायेगी,
मन में है विश्वास,
वो सुबह कभी तो आयेगी,
अमीर - ग़रीब की खाई पट जायेगी,
पैसों की खनक न नाच नचायेगी,
भूखे पेट न कोई सोयेगा,
फुटपाथ पे न ज़िन्दगी रोंधी जायेगी,
मन में है विश्वास,
वो सुबह कभी तो आयेगी,
ऊँच - नीच का वायरस न पनपेगा,
जात - पात का बन्धन भी उठ जायेगा ,
इंसान - इंसान को देखकर मुँह नहीं लटकायेगा,
इंसानियत पलड़ों में न तौली जायेगी,
मन में है विश्वास,
वो सुबह कभी तो आयेगी,
न चौकी न चौकीदार की सह होगी,
सरहदें बट नहीं पायेंगी,
सरहद पे सैनिक न मारे जायेंगे,
लाशें पैरों तले न रोंधी जायेंगी,
उनकी होली - दीवाली भी,
घर में ही मन पायेगी,
मन में है विश्वास,
वो सुबह कभी तो आयेगी,
गीता, बाईबल, क़ुरान को बराबर अपनायेंगे,
एक - दूजे पे न लाँछन लगायेंगे,
राम - रहीम की महिमा घर - घर गायी जायेगी,
मन में है विश्वास,
वो सुबह कभी तो आयेगी,
बहन - बेटियों की इज़्ज़त,
सरे - राह न रोंधी जायेगी,
अल्प - सवेरे बेटी घर - घर दीप जलायेगी,
भारत का परचम दुनिया में लहरायेगा,
सोने की चिड़िया था भारत,
सोने की चिड़िया ही कहलायेगा,
मन में है विश्वास,
"शकुन" वो सुबह कभी तो आयेगी ।।
