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krishan kumar sati

Inspirational Others Children

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krishan kumar sati

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मन की खुशी

मन की खुशी

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मन के, मन के अंदर मीठी सी आवाज हुई।

प्रफुल्लित, पुलकित, सरल, सी आगाज हुई।

कारण क्या था, मन के खुश हो जाने का ।

इतना ही पर्याय था, खुशी से खुशी पाने का।

आरंभ था, मगर अनुरोध नहीं, बस एक मीठी आवाज सुनी,

मन को सुकून मिला, मन को खुशी मिली।


 एक नन्ही सी किलकारी, जीवन में प्रवेश कर गई।

 इस किलकारी का नाम बिटिया था।।


बिटिया तुम कई जीवन की श्रृंखला हो।

बिटिया तुम अबला नहीं, सिर्फ सबला हो ।


 जीत की पर्याय है नारी।

 प्रीत की पर्याय है नारी ।

 तुम हो तो जीवन है सबका ।

 जीवन का पर्याय है नारी।।



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