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krishan kumar sati

Abstract

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krishan kumar sati

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जीवन का अद्भुत सत्य

जीवन का अद्भुत सत्य

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जीवन का अद्भुत सत्य

कोई परिछाई तक नहीं अपनी,

बस दिखावे का संसार है।


स्वार्थ भरा हर इंसान है,

अपनेपन का सिर्फ व्यवहार है।

दुख दर्द में साथ कोई ,खड़ा दिखता नहीं।


मैं तुम्हारा हूं,

ये कहते कोई थकता नहीं।

मां की ममता, पिता का प्यार।


यही बस स्वीकार है।

दुनिया का बस दिखावे का,

व्यवहार है।


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