मजदूर
मजदूर
एक - दूसरे का साथ
दो हाथ बने हथियार
श्वेद कणों की बूंदों ने
राजमार्ग को दिया सुधार।
बांध बनाए
रेलमार्ग का किया विस्तार
श्रम के आगे
हारी नदियां
पर्वत ने दी राह
उद्योगों में चमका
प्रगति का सूरज।
खेतों में
फसलें लहरायी
मजदूरों से है
देश की प्रगति
हर खुशहाली का
वे है आधार।
कविता के संबंध में 10 शब्द -
देश की प्रगति में
मजदूरों का श्रम विद्यमान है।
