मिट्टी हो जाओगे
मिट्टी हो जाओगे
गीत
मिट्टी हो जाओगे
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अंधे होकर उसके पीछे,
दौड़ो मत जो मिले नहीं।
वरना समय पूर्व मिट्टी में,
मिल मिट्टी हो जाओगे।
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नहीं लिखा है जो किस्मत में,
कहां किसी ने पाया है।
जिसकी किस्मत में जितना है,
उसने उतना खाया है।
वो खुश होगा तो परिवर्तन,
होगा खुशियां पाओगे।
वरना समय पूर्व मिट्टी में,
मिल मिट्टी हो जाओगे।
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बेमतलब मत दौड़ लगाओ,
मत चाहो, जो मिले नहीं।
आस लगाओ मत उनसे जो,
गुल गुलशन में खिले नहीं।
वो चाहेगा तो तुम अपना,
गुलशन ये हरियाओगे।
वरना समय पूर्व मिट्टी में,
मिल मिट्टी हो जाओगे।
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लालच बहुत बुरा होता है,
यह दर दर भटकायेगा।
दो हाथों पर किया भरोसा,
ही मंजिल पे जायेगा।
संतोषी गर बने रहे तो,
जीवन स्वर्ग बनाओगे।
वरना समय पूर्व मिट्टी में,
मिल मिट्टी हो जाओगे।
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चोटी से ऐड़ी तक जिसका,
बहा पसीना सुखी रहा।
स्वेदकणों को दुनिया वालों,
ने सदैव अनमोल कहा।
श्रमशक्ति से ही"अनन्त"तुम,
जग में नाम कमाओगे।
वरना समय पूर्व मिट्टी में,
मिल मिट्टी हो जाओगे।
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अख्तर अली शाह "अनंत "नीमच