मिटता नहीं
मिटता नहीं
देखे जो सपने सच होते नहीं
उम्मीद का दामन छूटता नहीं
यादें तेरी ख़ुदगर्ज़ निकली
तेरी सादगी भी देखी नकली
जख्मों का निशान मिटता नहीं
नज़र ना आया वफ़ा का नूर
यादें हो गई कितनी मजबूर
हौसला आरजू का घटता नहीं
संगम कागज़ पर लिखे दर्द
इश्क़ निकला कितना बेदर्द
मेरे ग़मे दिल कोई लुटता नहीं
तलाशता हूँ तुझे आसमान में
मेरी जिंदगी गुज़रे नुक़सान में
बेवफा तेरा ख़्वाब टूटता नहीं

