STORYMIRROR

Sangam Pipe Line Wala

Romance

2  

Sangam Pipe Line Wala

Romance

पीड़

पीड़

1 min
3

पीड़ जलाई

बीन तेरे छाई है कैसी तन्हाई 

यादों की पीड़ पल पल है जलाई

जी रहा हूँ मैं अब अकेला 

साथ तेरे है ख़ुशियों का मेला 

आज मेरी साँसें भी तिलमिलाई


ख़ुदा भी करे मुझसे नफ़रत 

तेरी बेवफ़ाई भी दे गई ग़ैरत 

तूने ऐसी बेवफ़ाई की रेल चलाई

क्या नाम दूँ तुझे समझ ना आए

मेरे बिखरे सपने खिल ना पाए

कोई ना करे मेरे जख्मों की सिलाई

संगम को तू क्या करेगी बदनाम 

सालों लिख कर पाया है मुक़ाम 

चाहत कर मैंने अपनी आँखें रुलाई


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance