मित्रता दिवस
मित्रता दिवस
जीवन को आनंद से भर दे
दोस्त वह जो जीवन को सुखमय कर दे
रोती आंखों में खुशी के चमक ला दे
उदासी को हंसी खिलखिलाहट से भर दे
दोस्त वह जो बेशक खुशी में साथ ना दे
मुसीबत में खामोशी से साथ निभा दे
अपनों से प्यारा और प्यार को ही रिश्ता बना दे
दोस्त वह जो अमीरी गरीबी का फर्क भुला दे
भीड़ में घीरा हो फिर भी आप पर नजरों को टिका दे
बिना कहे जो दोस्तों को दोस्ती सीखा दे
दोस्त वह जो हनुमान की तरह सीने को फाड़े बिना आईना दिखा दे
गलती पर डांट कर सही राह पर जो ला दे
सब स्वार्थ को रख दे परे वह तो बस दोस्ती निभा दे
पिता सा दोस्त नहीं कोई जो हर ख्वाहिश और चाहत दिला दे
माता सा दोस्त ना कोई जो सिने से लगा कर हर दुख भुला दे
गुरु सा ना दोस्त कोई जो अपने ज्ञान से हमें जीवन की कामयाबी से मिला दे
पत्नी सा ना दोस्त कोई जो अपनों को त्याग कर आती घर हमारे और पूरा जीवन उस घर में लगा दे
भगवान की भक्ति सा ना दोस्त कोई जो सद राह पर चला कर मुक्ति दिला दे।
