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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Inspirational

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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Inspirational

मिलन के अवसर

मिलन के अवसर

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अतुलित खुशियां उत्सव देते,

प्रमुदित करते हैं सबका मन।

हमें मिलन के अवसर है देती,

कार्यशाला पुस्तिका मूल्यांकन।


तपती धूप और लू के थपेड़े,

मन कहता बस करो आराम।

नौकरी में न की न जगह जब,

रो कर नहीं खुश हो करें काम।

सबसे भेंट है वरदान प्रभु का,

बांट खुशी प्रफुल्लित रखें मन।


अतुलित खुशियां उत्सव देते,

प्रमुदित करते हैं सबका मन ।

हमें मिलन के अवसर है देती ।

कार्यशाला पुस्तिका मूल्यांकन।


निज कामों में ही उलझे रहते,

तो हम सब हैं बेहद ही व्यस्त।

आवश्यक से ज्यादा अनावश्यक,

कामों से रहते हैं अक्सर त्रस्त।

फुर्सत पल की नहीं है मिलती,

तो मन हो जाता है अति खिन्न।


अतुलित खुशियां उत्सव देते,

प्रमुदित करते हैं सबका मन।

हमें मिलन के अवसर है देती,

कार्यशाला पुस्तिका मूल्यांकन।


बड़े हर्षित होते हैं हम सब ही,

यहां पूर्व परिचित जो मिलते हैं।

कई नये साथियों के जुड़ने से भी,

हम सबके मन खुशी से खिलते हैं।  

मिलते खुशी बिसरते सब ही ग़म,

जब मिलता है हमको अपनापन।


अतुलित खुशियां उत्सव देते,

प्रमुदित करते हैं सबका मन।

हमें मिलन के अवसर है देती,

कार्यशाला पुस्तिका मूल्यांकन।


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