STORYMIRROR

Deepak Solanki

Romance

3  

Deepak Solanki

Romance

मिली है आज़ादी

मिली है आज़ादी

1 min
228

मिली है आज़ादी चिल्लाने को

मिला है मौका गज़ले गाने को


फिर से वापस आई है मेरी गली

ना मिला दूजा कोई फ़साने को


इससे ज्यादा कुछ ना चाहिए, जब

मौत तड़पती हो मुझे पाने को


बहुत मशक्कत के बाद पता हुआ

सिर्फ मोहब्बत हो, तो मर जाने को


वो वक्त कभी आसान नही होता

जब कुछ भी ना हो पास गंवाने को


टूट गया सो टूट गया दिल मेरा

उसको सिर्फ दिया था टहलाने को


वैसे तो लड़ना मेरी आदत है

तुमको आएगा कौन बचाने को


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance