समा लिया
समा लिया
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आँखों में समा लिया है तुमको
ख्वाबों में समा लिया है तुमको
जनाजे में तुझे देखकर मैंने अब
अश्कों में समा लिया है तुमको
मेरे मौला ये कैसी रहम है तेरी
दिलों में समा लिया है तुमको
बिखरे ख्वाब भी अब टूट गए
आयनों में समा लिया है तुमको
लाचारी नहीं ये अब आदत हो गई
बहानों में समा लिया है तुमको
मौत की परवाह मत कर ऐ "रहीश"
ग़ज़लों में समा लिया है तुमको