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Vijeta Pandey

Abstract

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Vijeta Pandey

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मिडिल क्लास

मिडिल क्लास

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तैर के नदियां पार करू मैं,

बवंडरो से भी टकराता हूं

एक को सुल्झाते ही दूजी,

उलझन में फस जाता हूं

गरीबो सी हालत है मेरी,

अमीरों सा समझा जाता हूं

मध्यमवर्गीय परिवार हूं मै,

जी मिडिल क्लास कहलाता हूं


मेहनत की तो बात करो मत,

सपरिवार जूझ मैं जाता हूं

खुली आंखो से सपने हूं देखता,

रातों की नीद गवाता हूं

बडी बडी बातें हूं करता

पर सच्चाई से टूट मै जाता हूं

मध्यमवर्गीय परिवार हूं मै,

जी मिडिल क्लास कहलाता हूं


पति कमाता पत्नी भी वर्किंग

फिर भी पैसो का ढेर नही

हर आराम को मैं EMI में चुकाता हूं

कोई पुछे हाल जो मेरा,

सब कुछ ठीक है बताता हूं

मध्यमवर्गीय परिवार हूं मै,

जी मिडिल क्लास कहलाता हूं


छह दिन की मेहनत के बाद,

हर इतवार ठगा मैं जाता हूं

परिवार को खुश करने की खातिर,

माल में पिज्जा जब मंगवाता हूं

मन ही मन हिसाब की उधेड़बुन में लगजाता हूं मध्यमवर्गीय परिवार हूं मै,

जी मिडिल क्लास कहलाता हूं


सर्दी जुकाम बुखार को तो मैं ,

आम सी बात बताता हूं

कित्ना भी ये बदन दर्द हो,

चुपचाप काम पर जाता हूं

Standard की race मे भागते भागते,

बिमारियो से पस्त पड जाता हूं

मध्यमवर्गीय परिवार हूं ना,

जी मिडिल क्लास कहलाता हूं


देश का उध्धार तो जैसे,

मेरी ही जिम्मेदारी है

टैक्स कट जाता है पेमेंट से पहले,

क्या नियत मेरी ही खारी है

कानून का पालन करता हूं,


झमेलो में पड़ने से डर जाता हूं

ना धरनो पर बैठू,

ना राजनीतीक गलियों में जाता हूं

मध्यमवर्गीय परिवार हूं मै,

जी मिडिल क्लास कहलाता हूं


मेरी पीड़ा पर हास करे,

वक़्त भी मेरा परिहास करे

कभी कभी खूद से ही घबराता हूं


फिर बातें करके बड़ी बडी,

खुद ही खुद को समझाता हूं

मध्यमवर्गीय परिवार हूं मैं,

जी मिडिल क्लास कहलाता हूं।


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