महल
महल


महल ,अटारी ,नौकर चाकर चाकर
सब लगते हैं अब तो बेकार
महल से बड़े घर की सफाई
घंटे लगते हैं अब चार ।
करोना वायरस हाल बेहाल
महल झोपड़ी सब परेशान
सब अब तुला में तुल गए
एक कमरे में बंद हो गए ।
महलों की रौनक हो गई कम
सूने कमरे सूने दलान
केवल सुने पक्षियों की चहचाहट
परिंदा खुश मानव पीड़ित।
घर की मालकिन से पूछो हाल
काम कर कर के हाल बेहाल
सोच कर पछताती क्यों छोड़ा फ्लैट
न महल सी ये कोठी बनाती।