महात्मा फुले
महात्मा फुले
विरान, वेदिक, अशिक्षीत, गरिब और लाचार उजड़े भारत के लिए,
एक तेजस्वी आशा की किरण
शिवा के बाद आया एक कुलवाडीभुषण,
होकर शिवा से प्रेरित किया एक अद्भुत कार्य महान
वंचित बहुजनों को करा के अक्षर ज्ञान,
वैदिक आक्रांताओं को किया परास्त और हैरान
खोलकर सभी के लिए शिक्षा के द्वार का दान,
वंचित बहुजनों में जगाया आत्मसम्मान
सभी नारियों के लिए खोला बंद शिक्षा का आंगन,
दिलाकर सावित्री को प्रथम शिक्षा नारी का सम्मान
समाज के सामने रखा आदर्श एक महान,
विधवाओं के लिए छेड़ा पुनर्विवाह अभियान
दि भारतीय विधवा नारी को अलग पहचान,
विधवाओं को मिली जीने की राह, ध्येय और आत्मसम्मान
आत्मसम्मान ने दिया नारी को बल, हौसला और सुकून,
नारी शिक्षा से महिला बनी सक्षम और बलवान
नारी शिक्षा से समाज में आई जन- जाग्रति, दिन प्रति दिन,
जिससे बहुजन समाज हुआ सचेत और चेतन
शिक्षा ने दिया बहुजन युवाओं को प्रयोजन,
नया विचार, उर्जा और वैज्ञानिक दृष्टिकोण
वैदिक विचारधारा और मृत परिपाटियों की बंद हुई दुकान,
मनुस्मृति, सतीप्रथा और बाल-विवाह का हुआ दहन
बंद होने लगी धर्म के ठेकेदारों की दुकान,
हे माहत्मा तेरा कार्य अद्भुत और महान
बना एक आर्य विधवा नारी पुत्र का पालनहार,
बचा के एक अबला भारतीय नारी का सम्मान
दण्डित करने वाले समाज को अपनी दी नई पहचान,
जिन्होंने पल –पल पर किया तेरा अपमान
विकृत विचारधारियों का हुआ एकत्रीकरण,
करके प्राण घातक महात्मा पर आक्रमण
रचाकर नये –नये जुमले और धार्मिक बंधन,
रोकना था कैसे भी फुले का समाज सुधार जन-आंदोलन
दृढ़ इच्छा शक्ति से ठेकेदारों को किया नग्न,
पुराने रुढी और मृत परमपरायें हुई सत्वहीन
पुरोगामी प्रगतिशील विचारों का हुआ मंथन,
इस समुद्र मंथन से मिली नई दिशा और दृष्टिकोण
नये भारत निर्माण का छेड़ गया देश व्यापी आंदोलन,
बहुजनों के लिए एक नई आशावादी किरण
शिव संस्कृति का किया महात्मा ने जतन,
करके शिवाजी के अधूरे कार्य का क्रियानवन
फुले तू मानव नहीं महात्माओं का महात्मा,
तुझे सभी भारतीयों का शत- शत नमन
