मेरी शादी
मेरी शादी
न जाने कितने दिनों से बुन रहा था एक ख्वाब
कोई तो आये मेरे ज़िन्दगी में लाजवाब।
अचानक ही आई कोई अनदेखी अनजानी
लग रहा था, है मानो जानी पहचानी।
एक दूजे को पसंद कर भरी हमने हाँमी
जैसे दिल की धड़कनों की आवाज हमने जानी।
आशीर्वाद से सबके हुई हमारी सगाई
सबने दी हमें ढेरों सारी बधाई।
फिर शुरू हुआ मिलने मिलाने का सिलसिला
एक दूजे के प्यार में यह दिल खिला।
धीरे धीरे आ रहे थे हम एक दूजे के पास
उनको पाने की मन में थी बड़ी आस।
फिर शुरू हुई शादी की तैयारियाँ
छेड़ रहे थे मुझे मेरे प्यारे मित्र।
बड़ी ही रंगीन रही संगीत संध्या की शाम
नाच गाने से मनाकर कर दी हमारे नाम।
शादी की अब हमारी ऋत आई
एक दूजे के प्यार की गूंज रही थी शहनाई।
डोली लेकर गये थे सजनी के द्वार
आशीर्वाद शुभकामनाओं से लूटा रहे थे सब प्यार।
थामकर एक दूजे का हाथ लिये हमने फेरे
हमेशा-हमेशा के लिए हो गए अब वो मेरे।
चाँद सितारों की तरह मेरी दुनिया बदल गई
दोस्तो..ये है मेरी शादी की दास्तां।।
