मेरी प्रेरणा बन जाना तुम
मेरी प्रेरणा बन जाना तुम
सहारा ना देना मुझे तुम जब भी,
मैं टूट जाऊं जीवन में,
मेरी प्रेरणा बन जाना कि मैं,
ख़ुद उठ जाऊं जीवन में,
ना पोंछना आंसू मेरे जब,
निराशा में मैं रोती रहूँ,
मज़बूती इतनी देना कि,
आंसू निकलें ही ना मैं हंसती रहूँ,
जब हारूं कभी भी जीवन की जंग,
तब सांत्वना ना देना मुझे,
झकझोर दे जो मन मेरा,
कुछ ऐसे ही अलफ़ाज़ कहना मुझे,
कर्तव्य पथ पर चल सकूँ सदा,
भय लोभ मोह ना छू भी सके,
तेरा प्यार हो बस ताकत मेरी,
कमज़ोरी कोई ना बन सके,
सहारा ना देना मुझे जब भी,
मैं गिर जाऊं इस जीवन में,
मेरी ताक़त तब बन जाना तुम,
कि ख़ुद उठ जाऊं जीवन में।।