मेरी डायरी के पन्ने
मेरी डायरी के पन्ने
आज जब खुले मेरी डायरी के पन्ने
तो बात मेरी सबसे पसंदीदा रचना की होने लगी
मैं चुप रही और असहज होने लगी
कैसे कह दूँ की कौन सी रचना सबसे अच्छी थी
मेरे लिए तो सभी मेरी प्यारी बच्ची थीं
आज जब खुले मेरी डायरी के पन्ने।
लोगों ने मेरे बच्चों में से एक, दो होनहार चुन डाले
बात ये सुनकर मैं भावविहीन होने लगी
कौन कितना लोकप्रिय ये तय सभी करने लगे
मैं थी असहज इस स्थिति से, असहज ही बनी रही
आज जब खुले मेरी डायरी के पन्ने।
अधिकार है लोगों को मूल्यांकन का
मेरे लिए ये मूल्यांकन से परे विषय था
थीं निकट सभी ह्रदय के, क्योंकि प्रयास और प्रेम सबमें अथक था
आज जब बंटे ये, कौन किससे बेहतर के पैमानों पर
तब नज़रों का फेर समझ आया
आज जब खुले मेरी डायरी के पन्ने।