मेरी अभिलाषा
मेरी अभिलाषा
हे भगवान दो वरदान
खूब पढ़ूँ, ऊँचा उठूँ।
ज्ञानवान बनकर
मातपिता का नाम करूँ।
मानवता हो धर्म मेरा
सबका मैं सम्मान करूँ।
दया भाव दिल में रहे
पर दुख, दर्द दूर करूँ।
विश्व में मेरा चमके देश
ऐसे मैं सत्कर्म करूँ।
इतनी शक्ति मुझे देना
देश पर अपनी जान दूँ।
भारत माता का लाल
भारत माँ की शान बनूँ।
भारत माता मेरी माता
शत शत नमन नमाऊँ।
हे भगवान दो वरदान
खूब पढ़ूँ ऊँचा उठूँ।
