मेरे पिताजी
मेरे पिताजी
हमको करते प्यार पिताजी।।
बनकर सबके यार पिताजी।।
जब भी देखें दिल से अपने
लगते हैं अवतार पिताजी।।
कर्म क्षेत्र में हैं पूजे जाते
एक सारा संसार पिताजी।।
रिश्तों को पूंजी कहते हैं
करते है सद्व्यवहार पिताजी।।
हाल चाल नित पूछें सबके
रिश्तों का संसार पिताजी।।
बिलो बिलो मक्खन सी बातें
चर्चा का चमत्कार पिताजी।।
कभी नहीं देते दुःख हमको
केवल देते प्यार पिताजी।।
जब- जब करूँ विचार लगे
दाता का उपकार पिताजी
सारी प्रेरणा तुम से ही हैं
जीवन का आधार पिताजी
कष्ट कभी भी हम पर आए
सर पर लिए धार पिताजी।।
हर सुख दुःख में तुम्हें देखता
मेरे तो तारणहार पिताजी।
