STORYMIRROR

Shivam Vishwakarma

Romance

4  

Shivam Vishwakarma

Romance

मेरे हमसफर

मेरे हमसफर

1 min
273

हां या न, दिल कुछ भी सुनने की उम्मीद में है,

पर शायद तुम्हारा जवाब आज भी नींद में है।


अपनी खुशियों को तुम पर फिदा कर चुका हूं,

पूरी दुनिया से खुद को जुदा कर चुका हूं।

ये नैना तुम्हारी प्यारी सी मुस्कान देखने की उम्मीद में हैं,

पर शायद तुम्हारा जवाब आज भी नींद में है।।


अपनी खुशियों को तुम से हारा सा फिर रहा हूं,

तुम्हारी गलियों में एक आवारा सा फिर रहा हूं।

क्या तुम्हारा मिलना मेरी तकदीर में है,

पर शायद तुम्हारा जवाब आज भी नींद में है।।


सब के सवालों का जवाब तुममें ढूंढ रहा हूं,

अपने तकदीर के संग तुम्हारी भी पढ़ रहा हूं।

मेरे दिल के सवाल आज भी मेरे दिल में हैं,

पर शायद तुम्हारा जवाब आज भी नींद में है।।


हां या न, दिल कुछ भी सुनने की उम्मीद में है।

पर शायद तुम्हारा जवाब आज भी नींद में है।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance